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कोर्ट में दिये फैक्ट पता लगाने को बनी कमेटी

जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू चंडीगढ़, 23 सितंबर पंजाब विश्वविद्यालय सिंडिकेट ने रविवार को पूर्व कुलपति प्रो. अरुण कुमार ग्रोवर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली एक महिला सीनेटर के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर किये जाने के मामले को लेकर पीयू की ओर से रजिस्ट्रार द्वारा कोर्ट को दिये गये जवाब में क्या फैक्ट […]
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जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 23 सितंबर
पंजाब विश्वविद्यालय सिंडिकेट ने रविवार को पूर्व कुलपति प्रो. अरुण कुमार ग्रोवर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली एक महिला सीनेटर के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर किये जाने के मामले को लेकर पीयू की ओर से रजिस्ट्रार द्वारा कोर्ट को दिये गये जवाब में क्या फैक्ट दिये गये, इसका पता लगाने के लिए एक कमेटी बना दी है। अशोक गोयल व कुलपति के सचिव मुनीश्वर जोशी पर आधारित कमेटी यह भी पता करेगी कि क्या इसमें कोई लीगल राय ली गयी है या नहीं? कमेटी केस के सभी पहलुओं की जांच करके रिपोर्ट देगी।
वहीं, समाजशास्त्र विभाग की एक रिसर्च स्कॉलर के केस में सिंडिकेट ने अपना ही पहले का फैसला वापस ले लिया और छात्रा का पीएचडी का रजिस्ट्रेशन बहाल कर दिया और पूर्व कुलपति के खिलाफ रिसर्च स्कॉलर द्वरा दी गयी शिकायत को चांसलर को भेजने का फैसला लिया गया ताकि वे इस पर कोई समुचित फैसला ले सकें। इस रिसर्च स्कॉलर ने पीयू की एक महिला अधिकारी व प्रोफेसर के वकील बेटे पर आरोप लगाया था कि उसने उसका पीछा कर उससे अश्लील हरकत की और उसकी स्कूटी को टक्कर मार कर गिरा दिया जिससे उसे गंभीर चोटें आयी थी। मगर बाद में पीयू की जांच में उलटा रिसर्च स्कॉलर को ही दोषी ठहरा कर उसका पीएचडी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया था। इसी तरह समाजशास्त्र की ही एक अन्य रिसर्च स्कॉलर के 24 जुलाई को कराये गये वाइवा को भी सिंडिकेट ने अप्रूव कर दिया। इस छात्रा का भी उपरोक्त मामालों की तरह का ही कोई केस था।
इसी तरह बैठक में हॉस्टल मैस व कैंटीनों में ठेकेदारी सिस्टम जारी रखने पर फैसला हुआ। सिंडिकेट ने अपने सभी दफ्तरों और सोसायटी के बीच हिंदी के प्रयोग को भी हरी झंडी दे दी। सिंडिकेट ने अंडरग्रेजुएट लेवल पर सेमेस्टर सिस्टम को समाप्त करने संबंधी मसले पर सिंडिकेट ने स्टैंडिंग कमेटी को भंग कर कुलपति को नई कमेटी बनाने के लिये अधिकृत कर दिया। कमेटी जो सिफिरिश करेगी उसे फिर सिंडिकेट में लाया जायेगा।

पुरुषों को भी चाइल्ड केयर लीव
महिला कर्मचारियों की तर्ज पर पुरुषों को भी चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) देने के मामले पर भी सिंडिकेट ने विचार किया और पंजाब सरकार के रूल फालो करने की बात कहते हुए इसे एडाप्ट कर लिया। मजे की बात यह है कि पंजाब में पुरुषों के लिये कोई सीसीएल नहीं है। यहां तक कि देश के किसी भी संस्थान में फिलहाल पुरुषों के लिये सीसीएल का कोई प्रावधान नहीं है।

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उठाया अरविंदो कालेज का मसला भी
इंदरपाल सिंह सिद्धू शून्यकाल में अरविंदो कालेज लुधियाना के दो टीचर्स को सस्पेंड करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तीन-चार दिन पहले ही दोनों को कालेज ने डिसमिस कर दिया जिस पर पीयू को भी लीगल राय लेकर उसे डिस-एफिलिएशन का नोटिस भेजना चाहिए। इसी तरह सीवीओ प्रो. सुवीरा गिल को कंस्ट्रक्शन परचेज के विषय में दी गयी रिपोर्ट को फिर से तैयार करने को कहा गया क्योंकि टेक्नीकल काम करने और फिजिकल वेरीफिकेशन करना सिंडिकेट के लिये संभव नहीं है। प्रो. प्रवीण गोयल के प्रस्ताव पर सिंडिकेट ने कहा कि बैठक के बाद मिनट्स की साफ्ट क़ॉपी हर सीनेटर को भेज दी जायेगी।

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